सऊदी अरब का अरबपति बिजनेसमैन, कैसे बना मोस्टवांटेड आतंकी ओसामा बिन लादेन

ओसामा बिन लादेन की एक तस्वीर 
                                                              
                      एक समय पर दुनिया को अपने आतंक से खौफजदा करने वाले ओसामा बिन लादेन का जन्म सऊदी अरब के रियाध में हुआ, उसके पिता महमद बिन अवाद बिन लादेन एक बड़े कंट्रक्शन कारोबारी थे। ओसामा बिन लादेन अपने 54 भाई-बहनो में 17 वे नंबर पर था। 

                      अब्दुलअज़ीज़ युनिवेर्सिटी में पढाई के दौरान वो कुछ कट्टर इस्लामपंथी लोगो के संपर्क में आया और वहा से वो कट्टरपंथ, जिहाद और पश्चिम विरोधी विचारो का समर्थक बन गया। पढाई खत्म करने के बाद पारिवारिक बिजनेस की जगह उसने कट्टरपंथ और जिहाद जैसी आतंकीविचारधारा को अपना लक्ष्य बनाया। 

अफ़ग़ानिस्तान पर सोवियत संघ  का हमला 1979 :

                       जब 1979 में अफ़ग़ानिस्तान में सोवियत संघ ने हमला किया तो लादेन ने उसे इस्लाम पर हमला माना, और वह अफ़ग़ानिस्तान जाकर वहा के लडको को पैसा और हथियार देने लगा और उनके साथ लड़ने लगा। 1984 में उसने अब्दुल्ला आज़म जो की उसका युनिवेर्सिटी का इस्लामी अध्ययन का अध्यापक और  एक कट्टरपंथी था उसके साथ मिलकर लादेन ने  मकतब की खिदमत नामक संगठन बनाया, जिसका उद्देश्य दुनिया भर से हजारो मुस्लिम युवाओ को बुलाकर उनको सोवियत के खिलाफ लड़वाना था। अपने पिता की और से मिली अरबो की संपत्ति वो इस युद्ध में हथियार और ट्रेनिंग जैसी चीज़ो में लगा रहा था, इसमें उसको कथित तोर पर अमेरिका जैसे सोवियत संघ विरोधी देशो का साथ भी मिला। 1989 में जब सोवियत सेना हारकर वापस चली गई तो इससे लादेन और उसके साथिओ को और भी बल मिला। 

अल कायदा की स्थापना 1989 :

                      साल 1989 में लादेन और उसके कुछ साथियो ने मिलकर पाकिस्तान के पेशावर से अलकायदा की स्थापना की, इसका मुख्य हेतु इस्लामी कट्टरपंथ और जिहाद को सारी दुनिया में फैलाना था। इसके साथी अब्दुल्ला आज़म की मोत के बाद उसने वैश्विक जिहाद की कमान खुद संभाल ली और उसने एक स्थायी संगठन की जरुरत महसूस की, जो उच्च ट्रेनिंग और आधुनिक हथियारों से लेस हो। इन सभी बातो को ध्यानमे रखकर लादेन ने इसकी स्थापना की। 

खाड़ी युद्ध और लादेन 1990/91 :

                      साल 1990 में खाड़ी युद्ध के दौरान इराक ने कुवैत पर हमला करदिया और उसे कब्जे में ले लिया, जिसके चलते अमेरिका और उसके सहयोगी देशो ने इराक के खिलाफ संगठन बनाया। इसी क्रम में अमेरिका ने  
सऊदी में अपनी हजारो सेनिको की फौज खड़ी करदी, जिस पर ओसामा का मानना था की सऊदी की पवित्र भूमि पर अमेरिका को अपने सैनिक नहीं लाने चाहिए। इसके बाद ओसामा ने सऊदी के शाही परिवार को ऑफर दिया की वो और उसकी प्रशिक्षित सेना सऊदी की तरफ से इराक की सेना से लड़ेंगे और अमेरिकी सेना को वापस भेजा जाये। सऊदी शाही परिवार ने ओसामा की बात नहीं मानि और दोनों के बिच मतभेद हो गया। इसके चलते सऊदी सरकार ने आगे जाकर ओसामा की नागरिकता छीनली  और उसे देश से बाहर निकाल दिया , इसके बाद ओसामा अमेरिका और पश्चिम के देशो को इस्लाम का और भी बड़ा दुश्मन मानने लगा। 

देश निकाल के बाद सूडान में ली शरण 1991 -1996  :

                      साल 1991 में देश निकाल के बाद लादेन ने सूडान में शरण ली, वहा उसने आतंकी कैंप बनवाए, नए लड़को को भर्ती किया और उनको ट्रेनिंग और हथियार मुहैया कराए। इस तरह लादेन ने सूडान में आकर अपने संगठन अल कायदा को भी मजबूत किया और उसको पुरे विश्व में फैलाया। इसी बीच बिन लादेन ने साल 1993 में सोमालिया में अमेरिकी सैनिको पर हमला करवाया, जिसमे 18 अमेरिकी सैनिको की मौत हो गई और उनके 2 ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर भी बिन लादेन के लडको ने मार गिराए। इस घटना के बाद अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देशो के दबाव में आकर सूडान ने भी लादेन को अपने देश से निकाल दिया। 

सूडान के बाद अफ़ग़ानिस्तान में ली शरण 1996 - 2001 :

                      साल 1996 में अफ़ग़ानिस्तान आकर वो अमेरिका के खिलाफ आतंकी हमले करने के लिए साजिशे रचने लगा।इसी क्रम मे  लादेन ने 1998 में केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावास पर आतंकी हमला किया जिसमे 200  से ज्यादा लोग मारे गए और 4000 से ज्यादा लोग घायल हुए। इसके बाद फिर उसने साल 2000 में अमेरिकी युद्ध पोत यूएसएस कॉल पर हमला किया जिसमे 17 सैनिक मारे गए। 

           9/11 हमला 2001: साल 2001 में लादेन ने आतंकी इतिहास के सबसे बड़े हमले 9/11 को अंजाम दिया, इस हमले ने दुनिया भर के देशो को आंतकवाद के खिलाफ एक साथ लड़ने और उसे मिटाने के लिए कड़े कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। इस हमले में अलकायदा के 19 आतंकीयो ने 4 अमेरिकी विमानों को हाइजेक किया और उसे आत्मघाती हमले के रूप में उपयोग करके अलग अलग जगहों पर क्रेश करवाया। 

           1) अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 11 : वर्ल्ड ट्रेडसेंटर टावर 1 से टकराया गया सुबह 8:46 

           2) यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 : वर्ल्ड ट्रेडसेंटर टावर 2 से टकराया गया  सुबह 9:03 

           3) अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 77 : अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन से टकराया गया सुबह 9:37 

           4) यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 93 : पेन्सिलवेलिया के खेतो में क्रेश हो गया सुबह 10:03 

                       इस में जो चौथा प्लेन क्रेश हुआ उसका संभवित टारगेट अमेरिकी संसद या वाइटहाउस हो सकता था, लेकिन उससे पहले ही वो क्रेश हो गया। इस घटना के बाद अमेरिकी सरकार ने अफ़ग़ानिस्तान पर हमला कर दिया और कुछ ही हफ्तों में तालिबान की सरकार गिर गई। इसी बीच लादेन वहा से भाग कर पकिस्तान चला गया और वहा पर उसने शरण ली। 

पकिस्तान में छिपा और वही मारा गया 2002 -2011 : 

                      पाकिस्तान में आकर लादेन 2002 से 2005 तक वज़ीरस्तान, खैबर और बाजोर जैसे छोटे इलाकों में छिपता रहा और इसके बाद 2005 से वो ऐबटाबाद के एक आलिशान घर में रहने लगा और 2011 में उसकी मोत तक वो वही रहा। अमेरिकी नेवी ने ओपरेशन नेप्चुअन  स्पीयर चलाकर 2 मई 2011 रात को 1 बजे उसके घर ऐबटाबाद पाकिस्तान में घुसकर उसे मारगिराया। इस हमले में उसका बेटा खालिद और दूसरे 2 आतंकी भी मारे गए, इसके बाद उसका डीएनए टेस्ट कन्फर्म होने के बाद उसे अरब-सागर में फेक दिया गया। 

                       इस तरह दुनिया के सबसे बड़े आतंकीयो मेसे एक ओसामा बिन लादेन का अंत हुआ, लेकिन आज भी पुरे विश्व आतंकवाद कही ना कही पनप रहा है और कई लोग इसका भोग बन रहे है। आतंकवाद को केवल हथियारों और युद्ध से ख़त्म नहीं किया जा सकता, इसे ख़त्म करने के लिए हमें कही और पहलुओं पर भी विचार करना होगा। 

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